राष्ट्रीय अपरेंटिस ट्रेनिंग योजना


राष्ट्रीय अपरेंटिस ट्रेनिंग योजना एक कार्यक्रम है जो विभिन्न उद्योगों और ट्रेडों में युवा व्यक्तियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसका उद्देश्य उनके रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है। यह योजना भारत की कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा प्रबंधित की जाती है।

यह कार्यक्रम विभिन्न तकनीकी और गैर-तकनीकी ट्रेड जैसे इंजीनियरिंग, आईटी, स्वास्थ्य सेवाएं, आवासीय सुविधाएं और निर्माण आदि में प्रशिक्षण प्रदान करता है।

राष्ट्रीय अपरेंटिस ट्रेनिंग योजना अपरेंटिस को वास्तविक जीवन में काम करने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करता है। प्रशिक्षण के दौरान, ट्रेनी एक कुशल मेंटर के साथ काम करेगा, जो उन्हें आवश्यक कौशल और ज्ञान सिखाएगा। प्रशिक्षण अवधि छह महीने से तीन वर्ष तक चल सकती है, यह योजना के आधार पर निर्धारित होता है। प्रशिक्षु को प्रशिक्षण अवधि के दौरान वजीफा मिलेगा, जो कार्यक्रम के आधार पर छह महीने से तीन साल तक हो सकता है।

कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न उद्योगों में कुशल श्रमिकों की मांग और कुशल श्रमिकों की कमी के बीच की खाई को पाटना है, जिससे युवाओं को नए कौशल सीखने और ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण के माध्यम से अनुभव प्राप्त करने के लिए एक मंच प्रदान किया जा सके। यह योजना इंजीनियरिंग, आईटी, स्वास्थ्य सेवा, आतिथ्य और निर्माण सहित तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों ट्रेडों के लिए उपलब्ध है।

कार्यक्रम में एक कक्षा घटक भी शामिल है, जहां प्रशिक्षु सैद्धांतिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे और अपने ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण के पूरक के लिए निर्देश प्राप्त करेंगे। कक्षा घटक में व्यापार या उद्योग से संबंधित विषय शामिल होंगे, जैसे सुरक्षा प्रक्रियाएं, तकनीकी कौशल और उद्योग-विशिष्ट ज्ञान।

राष्ट्रीय अपरेंटिस ट्रेनिंग योजना में प्रशिक्षुओं और नियोक्ताओं दोनों के लिए कई लाभ हैं। प्रशिक्षुओं के लिए, कार्यक्रम नए कौशल सीखने, व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने और उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। नियोक्ताओं के लिए, कार्यक्रम कुशल श्रमिकों का एक स्रोत प्रदान करता है, भर्ती और प्रशिक्षण की लागत को कम करता है।

यह योजना युवाओं को मूल्यवान कौशल और अनुभव प्रदान करके युवा बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने में भी मदद करती है। इससे उन्हें गरीबी और सामाजिक बहिष्कार के जोखिम को कम करने, बेहतर भुगतान वाली नौकरियों को सुरक्षित करने में मदद मिलती है।अब मैं राष्ट्रीय अपरेंटिस ट्रेनिंग योजना की पात्रता, आवश्यक दस्तावेजों और पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में बताने जा रहा हूं।

पात्रता:

योग्यता - उम्मीदवारों को कम से कम 10 वीं पास होना आवश्यक है। ट्रेड जिसमें प्रशिक्षण लिया जाना है, उसमें कुछ विशेष योग्यताएं भी हो सकती हैं।शैक्षणिक योग्यता अलग-अलग व्यवसायों और उद्योगों के अनुसार भिन्न हो सकती है।

उम्र - अपरेंटिस के लिए उम्र की सीमा 14 से 40 साल तक होती है।

नागरिकता - भारतीय नागरिक होना आवश्यक होता है।

आवश्यक दस्तावेज:

आधार कार्ड

शैक्षणिक दस्तावेज (जैसे 10वीं की मार्कशीट)

जन्मतिथि प्रमाण पत्र

जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)

बैंक खाता विवरण


पंजीकरण प्रक्रिया:

National Apprenticeship Training Scheme (NATS) के पोर्टल पर जा कर पंजीकरण करने के लिए यहाँ क्लिक करें

सबसे पहले, उम्मीदवारों को सरकारी योजना की वेबसाइट पर जाना होगा।

अपनी जानकारी दर्ज करें और आवश्यक दस्तावेजों की जाँच करें।

अपने उद्योग या ट्रेड को चुनें जिसमें आप अपरेंटिसशिप करना चाहते हैं।

फॉर्म को सबमिट करने से पहले आपको अपना बायोडेटा और आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करना होगा।


राष्ट्रीय अपरेंटिस ट्रेनिंग योजना  एक मूल्यवान कार्यक्रम है जो युवाओं को विभिन्न उद्योगों और व्यापारों में व्यावहारिक कौशल और अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। कार्यक्रम से प्रशिक्षुओं और नियोक्ताओं दोनों को लाभ होता है, और यह युवा बेरोजगारी के मुद्दे को संबोधित करने में एक महत्वपूर्ण उपकरण है।


शिक्षक भास्कर जोशी 

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