भारत सरकार की कृषि लोन योजना , जानिए कृषि के लिए लोन कैसे लें ।


कृषि लोन योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसके तहत किसानों को बेहतर व्यवसाय करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को कम ब्याज दर पर लोन दिया जाता है ताकि वे अपनी फसलों की खेती एवं उनकी देखभाल में आवश्यक सामग्री को खरीदने के लिए आर्थिक संसाधन प्राप्त कर सकें।

इस योजना के तहत बैंकों द्वारा उपलब्ध कराए गए कृषि ऋणों का ब्याज दर आमतौर पर कम होता है और इसमें कोई सुविधा शुल्क नहीं होता है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को उनकी फसल की दरम्यान उपज के अनुसार लोन दिया जाता है जिससे किसानों को लाभ होता है और उन्हें अपनी फसलों की उन्नति के लिए आर्थिक संसाधन उपलब्ध होते हैं।

कृषि लोन योजना में योग्यता प्राप्त करने के लिए किसानों को कुछ नियमों का पालन करना होता है जैसे कि किसान के पास अपनी जमीन होनी चाहिए और उनकी क्रेडिट हिस्ट्री उच्च होनी चाहिए। इस योजना के अंतर्गत किसानों को लोन की राशि के भुगतान के लिए उनकी फसल की उपज या कुछ अन्य विकल्पों से जमा करना होता है। इसके अलावा, यह योजना सरकार द्वारा संचालित की जाती है जिसके तहत किसानों को संभावित अधिकारिक प्रक्रियाओं से बचाने में मदद मिलती है।

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कृषि लोन योजना के तहत किसानों को विभिन्न प्रकार के ऋण प्रदान किए जाते हैं, जैसे कि कृषि ऋण, कृषि सहायता ऋण, कृषि विकास ऋण आदि। इन ऋणों की अधिकतम राशि तथा उनके लाभों और शर्तों में अंतर हो सकता है।

कृषि लोन योजना के अंतर्गत लोन के लिए आवेदन करने के लिए किसानों को अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाकर आवेदन करना होता है। वहाँ उन्हें अपनी क्रेडिट हिस्ट्री तथा अन्य आवश्यक दस्तावेजों की जांच के बाद उनके लोन के लिए अनुमोदन दिया जाता है।

इस योजना का मुख्य लक्ष्य किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपने फसलकी उपज को बेहतर बनाने के लिए उपयुक्त उपकरणों, खाद, बीज, इरीगेशन इत्यादि के लिए वित्तीय संसाधन प्राप्त कर सकें। इससे किसानों की आय बढ़ती है और वे अपनी जीवनशैली को सुधार सकते हैं।

कृषि लोन योजना एक महत्वपूर्ण उपाय है जिससे किसानों को अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार हासिल करने का अवसर मिलता है। इस योजना से भारतीय कृषि क्षेत्र में सुधार होता है और देश की आर्थिक विकास की गति में भी मदद मिलती है।कृषि लोन के लिए आवश्यकता पात्रता निम्नलिखित होती है:


  1. किसान का आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड होना आवश्यक है।
  2. किसान के पास कृषि जमीन होनी चाहिए। लोन के लिए यह जमीन उनकी स्वामित्व जमीन होनी चाहिए और उसके ऊपर कोई बाधा नहीं होनी चाहिए।
  3. किसान के पास किसान पंजीकरण पत्र होना आवश्यक है।
  4. लोन के लिए आवेदक के पास बैंक खाता होना आवश्यक है।
  5. आवेदक को कम से कम एक वर्ष का कृषि अनुभव होना चाहिए।
  6. लोन के लिए आवेदक को उनके फसलों के लिए आवश्यकता अनुसार योजना तैयार करनी होगी।

इन सभी शर्तों के साथ, आवेदकों को अपनी बैंक में एक निश्चित लिमिट तक व्यवहारिक जानकारी प्रदान करनी होगी ताकि बैंक उनकी वित्तीय स्थिति को समझ सके और उन्हें एक संभव लोन की राशि का फैसला लेने में मदद कर सके।कृषि लोन के लिए ब्याज दर सरकार द्वारा निर्धारित किए जाते हैं और इन दरों में अंतर विभिन्न बैंकों द्वारा होता है। इन ब्याज दरों में कुछ बैंकों के लिए ब्याज दर में भारी अंतर होता है जबकि कुछ अन्य बैंकों के लिए यह थोड़ा कम होता है।

सामान्यतया, कृषि लोन के लिए ब्याज दर स्थानीय बैंकों द्वारा निर्धारित किए जाते हैं और इन दरों में विभिन्न कारकों का विचार किया जाता है, जैसे कि ब्याज के स्तर, ऋण की अवधि, लोन की राशि, रुपये के मूल्य की अतिरिक्त वृद्धि आदि। इन सभी कारकों के आधार पर, बैंक ब्याज दर को तय करते हैं जिसमें उनके वित्तीय गणनाओं, क्षमता और अन्य प्रतिबंधों का भी विचार किया जाता है।

कुछ बैंकों द्वारा कृषि लोन के लिए ब्याज दर आमतौर पर 7-9% तक होता है, जो अन्य बैंकों के ब्याज दरों से कम होता है। हालांकि, ब्याज दर अधिकतम रकम और लोन की अवधि के अनुसार भी बदलता है। इसलिए, कृषि लोन के लिए ब्याज दर के लिए व्यापक रूप से विभिन्न फैक्टर्स होते हैं और उन्हें समझना आवश्यक होता है।

इसके अलावा, सरकार भी कृषि लोन के लिए ब्याज दर को नियंत्रित करती है। आधिकारिक रूप से, केंद्र सरकार द्वारा अभियोग्य किसानों के लिए कृषि लोन के लिए ब्याज दर 7% से कम होता है। इसके अलावा, कुछ राज्य सरकारों द्वारा भी अपने क्षेत्र में कृषि लोन के लिए ब्याज दर को कम किया जाता है।

अंततः, कृषि लोन के लिए ब्याज दर को निर्धारित करने वाले तथा इसे देने वाले बैंकों की संख्या बहुत अधिक होती है। किसी भी बैंक से कृषि लोन लेने से पहले, उम्मीदवारों को बैंकों के ब्याज दरों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और अपनी आवश्यकताओं और सम्भावित वापसी के संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए उचित बैंक का चयन करना चाहिए।कृषि लोन के आवेदन प्रक्रिया में निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:


  1. किसान की पहचान पत्र (Aadhaar card, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि)
  2. बैंक खाता संबंधित दस्तावेज (खाता संख्या, पासबुक आदि)
  3. जमीन से संबंधित दस्तावेज (संपत्ति रजिस्ट्री, जमाबंदी, खसरा-खतौनी आदि)
  4. कृषि कार्य से संबंधित दस्तावेज (कृषि विवरण, वर्तमान वर्ष की फसल आदि)
  5. आय के संबंध में दस्तावेज (आय प्रमाण पत्र, पिछले 3 साल की आयकर रिटर्न आदि)
  6. लोन वापसी के लिए गारंटर संबंधित दस्तावेज (गारंटर की पहचान पत्र, बैंक स्टेटमेंट आदि)

इन दस्तावेजों के अलावा, बैंक आपको कृषि लोन के लिए अन्य दस्तावेज भी मांग सकती है, जैसे कि व्यापार योजना, लोन के लिए आवश्यक राशि, लोन वापसी की अवधि आदि। आप अपनी स्थानीय बैंक से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि आपको विस्तृत रूप से कौन से दस्तावेज जमा करने हों

कृषि लोन के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:


  1. बैंक में जाएं: सबसे पहले, अपने स्थानीय बैंक में जाएं और वहां के कृषि लोन की सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
  2. आवश्यक दस्तावेज जमा करें: अपने किसान पहचान पत्र, बैंक खाता संबंधित दस्तावेज, जमीन संबंधित दस्तावेज, कृषि कार्य से संबंधित दस्तावेज, आय के संबंध में दस्तावेज और लोन वापसी के लिए गारंटर संबंधित दस्तावेज जमा करें।
  3. लोन के लिए आवश्यक राशि तय करें: लोन की आवश्यक राशि का तय करें।
  4. व्यापार योजना तैयार करें: एक व्यापार योजना तैयार करें, जिसमें अपने कृषि उत्पादों की विस्तृत जानकारी, उत्पाद की बाजार की कीमत, उत्पाद के बिक्री के लिए निर्धारित मंडियों के बारे में बताएं।
  5. लोन के लिए आवश्यक समय सीमा जानें: बैंक को लोन वापस करने की अवधि के बारे में पूछें और उस समय सीमा को ध्यान में रखें।

शिक्षक भास्कर जोशी 

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