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उत्तराखंड समान नागरिक संहिता: उत्तराखंड में जमीन खरीदना होगा अब मुश्किल ; बड़ा अपडेट !

उत्तराखंड सरकार राज्य में भूमि विवादों के मामलों से निपटने के लिए कदम उठा रही है। भू-माफियाओं और जमीनों पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा, सरकार उन लोगों को निशाना बना रही है जो अपनी पहचान जाहिर किए बिना बड़ी मात्रा में अवैध रूप से जमीन खरीदते हैं। इन मामलों के प्रकाश में, सरकार ने खरीदारों को जमीन खरीदने की अनुमति देने से पहले उनकी पहचान सत्यापित करने का निर्णय लिया है। खरीदारों को उनकी पहचान के सत्यापन के बाद ही जमीन खरीदने की अनुमति मिलेगी।

उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में समान नागरिक संहिता पर एक महत्वपूर्ण अपडेट किया है। नवीनतम घोषणा के अनुसार, जो खरीदार राज्य में जमीन खरीदना चाहते हैं, उन्हें अब यह सुनिश्चित करने के लिए एक सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना होगा कि वे राज्य में जमीन खरीदने के योग्य हैं। इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ावा देना और रियल एस्टेट क्षेत्र में धोखाधड़ी वाले लेनदेन को रोकना है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि राज्य में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है. उनका लक्ष्य जून तक मसौदा तैयार करने और हल्द्वानी अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हि कोई निर्णय लिया जायेगा  ।

सत्यापन प्रक्रिया में खरीदार की पहचान, नागरिकता और अन्य प्रासंगिक विवरणों की जांच शामिल होगी। यह प्रक्रिया उत्तराखंड में स्थानीय अधिकारियों द्वारा की जाएगी और खरीदारों को सत्यापन के लिए अपने दस्तावेज जमा करने होंगे।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होना लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है. नए अपडेट से राज्य में रियल एस्टेट क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, क्योंकि यह अवैध भूमि लेनदेन पर अंकुश लगाने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि केवल योग्य खरीदार ही जमीन खरीद सकें।

समान नागरिक संहिता कानूनों का एक समूह है जिसका उद्देश्य विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने से संबंधित व्यक्तिगत कानूनों में एकरूपता लाना है। समान नागरिक संहिता को लागू करने की भारत में लंबे समय से मांग रही है और उत्तराखंड सरकार द्वारा इसे लागू करने के कदम को इसी दिशा में एक सकारात्मक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

सरकार से लोगों को नई सत्यापन प्रक्रिया और समान नागरिक संहिता के लाभों के बारे में शिक्षित करने के लिए एक जन जागरूकता अभियान चलाने की भी उम्मीद है।धामी जी का मानना ​​है कि देश के सभी राज्यों को उत्तराखंड की तरह समान नागरिक संहिता लागू करनी चाहिए।  


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शिक्षक भास्कर जोशी 




Comments

  1. सरकार को सरकारी जमीन,वनो,रोडो, खाली पडी जमीनो पर हो रहे अवैध अतिक्रमण पर भी सरकार कानून बनाकर ,अतिक्रमण हटाने के अलावा ,अतिक्रमणकारीयो पर भी सख्त कानूनी कार्रवाई करके कानून को मजबूती से पालन करवाया जाऐ।दोषी वन करमियो पर भी वनो पर अतिक्रमण होते देख,आख बन्द करना,साफ जताता है कि इसमे वन विभाग व प्रशासन की मिली भगत भी है।

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