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अल्मोड़ा : निपुण भारत मिशन को जनान्दोलन बनाया जायेगा इस हेतु व्यापक प्रचार प्रसार के आदेश ।

 




निपुण भारत, जिसे फाउंडेशन फॉर लिटरेसी एंड न्यूमेरसी (एफएलएन) मिशन के रूप में भी जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा देश में बच्चों के मूलभूत कौशल में सुधार के लिए शुरू की गई एक पहल है। मिशन का लक्ष्य सीखने की कमियों को दूर करना है और यह सुनिश्चित करना है कि भारत में हर बच्चा ग्रेड 3 के अंत तक बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल हासिल कर ले।

FLN मिशन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, शिक्षण विधियों को बढ़ाने और पढ़ने, लिखने और गणित में एक मजबूत नींव को बढ़ावा देने के लिए नवीन दृष्टिकोणों को लागू करने पर केंद्रित है। यह संघर्षरत छात्रों की सहायता के लिए सीखने की कठिनाइयों और हस्तक्षेपों की प्रारंभिक पहचान के महत्व पर जोर देता है।

अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, मिशन राज्य सरकारों, शैक्षणिक संस्थानों, शिक्षकों, अभिभावकों और सामुदायिक संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर काम करता है। यह शैक्षिक संसाधनों और निगरानी तंत्र तक पहुंच बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का भी लाभ उठाता है।

निपुन भारत (एफएलएन) मिशन के माध्यम से, भारत का उद्देश्य अपने बच्चों को एक उज्जवल भविष्य के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है, जिससे वे राष्ट्र के विकास में सक्रिय रूप से भाग ले सकें और अपनी पूरी क्षमता का एहसास कर सकें।



विभागीय पत्र 

उपर्युक्त विषयक राज्य परियोजना कार्यालय के पत्र सं0-रा०प०का/336/FLN-4/2023-24 के क्रम में अवगत है, कि NEP 2020 के अनुरूप "निपुण भारत मिशन" (National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy) कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत वर्ष 2026-27 तक 3-9 आयु वर्ग के सभी बच्चों के लिए बुनियादी भाषा तथा संख्या ज्ञान के लक्ष्य को अनिवार्यतः प्राप्त किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य कक्षा-1 से कक्षा-3 के सभी छात्र- छात्राओं के लिए निर्धारित किया गया है जो कि जनसमुदाय की सहभागिता से ही सम्भव है, लेकिन अद्यतन निपुण भारत मिशन का व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं हो पा रहा है। उक्त के आलोक में माह मई में दिनांक 24 से 26 मई 2023 के मध्य विद्यालय के ग्रीष्मकालीन

अवकाश हेतु बन्द होने से पूर्व विद्यालय अपनी सुविधानुसार इसका व्यापक प्रसार करें जिसमें रैली, बैठक आदि माध्यमों का उपयोग किया जा सकता है। विद्यालय निपुण भारत सप्ताह का आयोजन भी कर सकते हैं, तद्क्रम में सभी शासकीय / अशासकीय एवं निजी विद्यालयों (प्रा०वि०, उ0प्रा०वि०, हाईस्कूल, इण्टरमीडिएट) में निम्नवत् कार्यक्रम संचालित किये जायेंगे :-

1. जन जागरूकता बढ़ाने के लिए "प्रभात फेरियां निकाली जाएं जिसमें निपुण भारत मिशन के स्लोगन, निपुण गान आदि का गायन करवाया जाय ।

2. सभी विद्यालयों में SMC / SMDC की बैठक में "निपुण भारत निपुण गाँव / निपुण शहर" पर व्यापक चर्चा-परिचर्चा की जाये। बच्चों के परीक्षा परिणाम के साथ निपुण भारत मिशन के विषय में अभिभावकों को अधिकतम जानकारी दी जाय।

3. विद्यालयों में निपुण भारत मिशन आधारित क्विज, भाषण, निबन्ध, वाद-विवाद आदि का आयोजन किया जाय। साथ ही जनसहयोग से बच्चों को पुरस्कृत किया जा सकता |

4. मिशन के प्रचार-प्रसार हेतु N.S.S., N.C.C. एवं स्काउट-गाइड छात्र-छात्राओं का भी सहयोग लिया जाय।

उक्त कार्यक्रम हेतु विकासखण्ड स्तरीय, जनपद स्तरीय सभी अधिकारियों का सक्रिय योगदान आवश्यक है। "निपुण भारत मिशन" के व्यापक प्रचार-प्रसार कार्यक्रम को सफल बनाये जाने हेतु तदनुसार विभिन्न स्तरों पर योजना तैयार कर इसका अनुश्रवण भी सुनिश्चित किया जाय ।




शिक्षक भास्कर जोशी 

(शिक्षा से सूचना तक )

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