आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों के लिए प्रवेश प्रक्रिया, निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस (EWS) श्रेणी की सीटों पर प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया नए शैक्षणिक सत्र के लिए 13 मई से 23 मई तक चलेगी।


यह सरकारों  और समाज के शिक्षा सुधि लोगो का दायित्व है की वे सुनिश्चित करें  महत्वपूर्ण है कि सभी बच्चों की शिक्षा तक पहुंच हो, भले ही उनकी वित्तीय स्थिति या अन्य परिस्थितियां कुछ भी हों इसी सन्दर्भ में  आरटीई अधिनियम इस लक्ष्य को प्राप्त करने और उन छात्रों के लिए अवसर प्रदान करने की दिशा में एक कदम है, जिनकी  गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आर्थिक तंगी या गरीबी के कारण पहुंच नहीं हो पाती है।आरटीई (शिक्षा का अधिकार) अधिनियम कहता है कि निजी स्कूलो को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों के लिए 25% सीटें आरक्षित करनी चाहिए। निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस श्रेणी की सीटों पर प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया नए शैक्षणिक सत्र के लिए 13 मई से 23 मई तक चलेगी।  प्रवेश प्रक्रिया 5 जून से शुरू होगी और प्रवेश के लिए 1 जून को लॉटरी निकाली जाएगी। चयनित छात्रों की सूची 16 जून से 20 जून के बीच पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।  जिन बच्चों के माता-पिता की वार्षिक आय 55,000 रुपये से कम या इसके बराबर है, वे आरटीई के लाभ के पात्र होंगे। बीपीएल कार्डधारकों की 50% लड़कियां और कमजोर वर्ग के बच्चे भी आरटीई के लाभ के लिए पात्र होंगे।  इसके अलावा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चे, अनाथ, विधवाओं के बच्चे, या जिनकी मां तलाकशुदा हैं और उनकी वार्षिक आय 80,000 रुपये से कम है, वे भी आरटीई के लाभ के लिए पात्र होंगे। एचआईवी संक्रमित बच्चे या जिन बच्चों के निजी स्कूल प्राथमिक शिक्षा के लिए मान्यता प्राप्त हैं और जिनकी प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 31 मार्च 2023 को तीन वर्ष है, वे भी प्रवेश के पात्र होंगे।  प्रभावित या विकलांग बच्चों के माता-पिता भी आरटीई के लाभ के पात्र होंगे।

निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के अनुसार 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चे निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के हकदार हैं। यह अधिनियम आर्थिक रूप से कमजोर और सामाजिक रूप से वंचित वर्गों के बच्चों को निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रवेश देने का भी प्रावधान करता है। आरटीई अधिनियम के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर और सामाजिक रूप से वंचित वर्गों के बच्चे, जिनमें अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विकलांग बच्चे शामिल हैं, निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों में प्रवेश के लिए पात्र हैं। ये बच्चे मुफ्त शिक्षा के भी हकदार हैं, जिसमें पाठ्यपुस्तकें, वर्दी और अन्य आवश्यक शैक्षिक सामग्री शामिल हैं।

 मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी उन बच्चो व अभिभावकों के लिए मददगार होगी जो निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस श्रेणी की सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन करना चाहते हैं।


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शिक्षक भास्कर जोशी 

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