भारत का नया संसद भवन देश की प्रगति और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह भारत में लोकतंत्र और कानून के शासन के महत्व की भी याद दिलाता है। इस इमारत को वास्तुकार बिमल पटेल द्वारा डिजाइन किया गया है और यह पुराने संसद भवन के समान परिसर में स्थित है, लेकिन यह थोड़ा उत्तर की ओर है। नई इमारत त्रिकोणीय आकार की है, जिसे जगह उपयोग के लिहाज से अधिक कुशल माना जा रहा है। यह स्थानीय रूप से प्राप्त पत्थर और लकड़ी जैसी टिकाऊ सामग्रियों से बना है। यह इमारत वर्षा जल संचयन प्रणाली और सौर ऊर्जा संयंत्र जैसी अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है।
नए संसद भवन में बैठने की क्षमता 1,272 है, जो पुराने भवन की क्षमता से दोगुने से भी अधिक है। इससे संसद के अधिक सदस्यों को विधायी प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलेगा और इमारत जनता के लिए और अधिक सुलभ हो जाएगी। इमारत में चार मंजिल हैं, जिसमें पहली मंजिल पर लोकसभा कक्ष और दूसरी मंजिल पर राज्यसभा कक्ष स्थित है। इमारत में कई समिति कक्ष, एक पुस्तकालय और एक संग्रहालय भी है। नया संसद भवन कई सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसमें बुलेटप्रूफ ग्लास और एक परिष्कृत निगरानी प्रणाली शामिल है। इससे संसद सदस्यों और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
नए संसद भवन का निर्माण 2023 में पूरा हुआ। निर्माण की कुल लागत ₹862 करोड़ (लगभग US$104 मिलियन) है ।नया संसद भवन भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक और देश के लोकतांत्रिक भविष्य का प्रतीक है। यह एक ऐसी जगह है जहां भारत के भविष्य पर बहस और निर्णय लिया जाएगा, और यह एक ऐसी जगह है जहां भारतीय लोगों की आशाएं और सपने साकार होंगे।
नए संसद भवन का महत्व
नया संसद भवन कई कारणों से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यह एक राष्ट्र के रूप में भारत की प्रगति का प्रतीक है। यह इमारत एक अत्याधुनिक सुविधा है जो नवीनतम तकनीक से सुसज्जित है। यह एक टिकाऊ इमारत भी है जो पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों से बनी है।
दूसरा, नया संसद भवन लोकतंत्र के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस भवन को संसद के अधिक सदस्यों को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो विधायी प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बना देगा। यह इमारत कई सुरक्षा सुविधाओं से भी सुसज्जित है, जो संसद सदस्यों और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
तीसरा, नया संसद भवन भविष्य के लिए भारत की आशाओं और सपनों का प्रतीक है। यह इमारत एक ऐसी जगह है जहां भारत के भविष्य पर बहस और निर्णय लिया जाएगा। यह एक ऐसा स्थान है जहां भारतीय लोगों की आशाएं और सपने साकार होंगे।
नए संसद भवन का भविष्य
नया संसद भवन भारत के लोकतांत्रिक भविष्य का प्रतीक है। यह इमारत एक ऐसी जगह है जहां भारत के भविष्य पर बहस और निर्णय लिया जाएगा। यह एक ऐसा स्थान है जहां भारतीय लोगों की आशाएं और सपने साकार होंगे।नया संसद भवन एक ऐसी जगह भी है जहां भारत का इतिहास संरक्षित किया जाएगा। इमारत में एक संग्रहालय है जो भारतीय संसद के इतिहास को प्रदर्शित करेगा। संग्रहालय भारत के लोकतंत्र के इतिहास को भी प्रदर्शित करेगा। नया संसद भवन भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक और देश के लोकतांत्रिक भविष्य का प्रतीक है।
यहां भारत के नए संसद भवन के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य दिए गए हैं:
- नई इमारत त्रिकोणीय आकार की है, जिसे जगह उपयोग के लिहाज से अधिक कुशल माना जा रहा है।
- इमारत स्थानीय स्तर पर प्राप्त पत्थर और लकड़ी जैसी टिकाऊ सामग्रियों से बनी है।
- यह इमारत वर्षा जल संचयन प्रणाली और सौर ऊर्जा संयंत्र जैसी अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है।
- इमारत में बैठने की क्षमता 1,272 है, जो पुरानी इमारत की क्षमता से दोगुनी से भी अधिक है।
- यह इमारत पुराने संसद भवन के समान परिसर में स्थित है, लेकिन यह थोड़ा उत्तर की ओर है।
- नए संसद भवन का डिजाइन वास्तुकार बिमल पटेल ने किया था।
- नए संसद भवन का निर्माण 2023 में पूरा हुआ।
- निर्माण की कुल लागत ₹862 करोड़ (लगभग US$104 मिलियन) थी।
- इमारत में चार मंजिल हैं, जिसमें पहली मंजिल पर लोकसभा कक्ष और दूसरी मंजिल पर राज्यसभा कक्ष स्थित है।
- इमारत में कई समिति कक्ष, एक पुस्तकालय और एक संग्रहालय भी है।
- नया संसद भवन कई सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसमें बुलेटप्रूफ ग्लास और एक परिष्कृत निगरानी प्रणाली शामिल है।
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