First batch of #Agniveer gets attested. In a simple yet elegant ceremony held at #Dogra Regimental Centre, 55 recruits were sworn allegiance to the nation to serve as part of #IndianArmy anywhere by Land, Sea or Air. pic.twitter.com/Uf06P8ULfY
— Samir Gangakhedkar PRO (Def) Prayagraj (@PROdefprayagraj) June 17, 2023
यह 382 अग्निवीरों के पहले बैच के बारे में है, जिन्होंने अपना 24 सप्ताह का सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और उन्हें भारतीय सेना की दो रेजीमेंटों में शामिल कर लिया गया है। प्रशिक्षण रामगढ़, झारखंड में सिख रेजिमेंटल सेंटर (एसआरसी) और झारखंड के किलाहारी में पंजाब रेजिमेंटल सेंटर में आयोजित किया गया था।
अग्निवीरों ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसमें शारीरिक फिटनेस, हथियारों से निपटने, ड्रिल और फील्ड क्राफ्ट शामिल हैं। उन्होंने भारतीय सेना के इतिहास और परंपराओं के बारे में भी जाना।
एसआरसी के कमांडेंट ब्रिगेडियर शैलेश सती ने कहा कि अग्निवीरों ने उच्च स्तर का प्रशिक्षण और अनुशासन हासिल किया है। उन्होंने यह भी कहा कि वे गर्व के साथ देश की सेवा करने के लिए तैयार हैं।
अग्निपथ योजना के कार्यान्वयन में अग्निवीरों के पहले बैच को शामिल करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। जून 2022 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती करना है। चार वर्षों के बाद, अग्निवीरों को सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा, लेकिन वे एकमुश्त भुगतान और सेवा प्रमाणपत्र सहित कई लाभों के पात्र होंगे।
अग्निपथ योजना का कुछ विरोध हुआ है, लेकिन सरकार ने यह कहते हुए इसका बचाव किया है कि इससे सशस्त्र बलों में नए विचार और ऊर्जा आएगी। इस योजना से सरकार के पैसे बचाने की भी उम्मीद है, क्योंकि इससे पेंशन का बोझ कम होगा। अग्निवीरों के पहले बैच को शामिल करना इस बात का संकेत है कि यह योजना आगे बढ़ रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वर्षों में यह योजना कैसे लागू होती है और क्या यह सरकार के उद्देश्यों को प्राप्त करती है।
शिक्षक भास्कर जोशी
(शिक्षा से सूचना तक )
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