प्रथमः पाठः तमसो ज्योतिर्गच्छामः

प्रथमः पाठः तमसो ज्योतिर्गच्छामः

सलिले हंसः हंसे कमलम्

कमले तिष्ठति सरस्वती।

हस्ते माला करे पुस्तकम्

करयुगले वीणा वसति ॥

हंसविवेकं वाञ्छामः

कमलविमलताम् इच्छामः ।

माला- पुस्तक - वीणाभिः

तमसो ज्योतिर्गच्छामः ॥


सलिले हंसः हंसे कमलम्

कमले तिष्ठति सरस्वती।

हस्ते माला करे पुस्तकम्

करयुगले वीणा वसति ॥

हिंदी अनुवाद - जल में हंस, हंस में कमल तथा कमल में 'माँ सरस्वती विराजमान है। एक हाथ में माला, दूसरे हाथ में पुस्तक तथा दोनों हाथों में वीणा रहती है।

शब्दार्थाः – सलिले = जल में। कमले = कमल पर। तिष्ठति = ठहरती है, विराजमान है। हस्ते हाथ में।

करे = हाथ में। करयुगले = दोनों हाथों में। वीणा = वीणा।


हंसविवेकं वाञ्छामः

कमलविमलताम् इच्छामः ।

माला-पुस्तक-वीणाभिः

तमसो ज्योतिर्गच्छामः ।।

हिंदी अनुवाद - हम हंस के विवेक को चाहते हैं। कमल की पवित्रता की इच्छा करते हैं। माला, पुस्तक तथा वीणा से हम अंधकार से प्रकाश की तरफ जाते हैं।

शब्दार्थाः – हंसविवेकं = हंस के विवेक को। वाञ्छामः = चाहते हैं। विमलताम् = पवित्रता। इच्छामः = चाहते हैं।

तमसो = अंधकार से या अंधेरे से। ज्योतिः = प्रकाश (की ओर)। गच्छामः = जाते हैं।


अभ्यासः

प्रश्न 1. सामूहिकरूपेण सस्वरं गायत। (सामूहिक रूप से स्वर सहित गाओ)

उत्तर- छात्र समूह में इसका गान करें।

प्रश्न 2. श्लोकस्य अनुवादं कुरुत-(श्लोक का अनुवाद करो)

(क) सलिले हंसः हंसे कमलम्

कमले तिष्ठति सरस्वती

उत्तर - अनुवाद - पानी में हंस, हंस में कमल तथा कमल में सरस्वती विराजमान है।

(ख ) हंसविवेकं वाञ्छामः

कमलविमलताम् इच्छामः ।

उत्तर- अनुवाद - हम हंस के विवेक को चाहते कमल की पवित्रता को चाहते हैं।

प्रश्न 3. रिक्त-स्थानानि पूरयत-(रिक्त स्थानों को पूरा करो)

उत्तर-(क) हस्ते माला करे पुस्तकम

करयुगले वीणा वसति ।

(ख) माला-पुस्तक-वीणाभिः

तमसो ज्योतिर्गच्छामः ।।

प्रश्न4. सर्वेषु बचने रूपाणि लिखत सभी वचनों में रूप लिखें। (प्रथमः पुरुषः, वर्तमानकोलः)

उत्तर

 धातुः 

 एकवचनं 

द्विवचनम्

 बहुवचनम्

वस्

वसति


 वसतः


 वसन्ति


हस्

 हसति


 हसतः


हसन्ति


पठ्

पठतिः


 पठत


 पठन्ति


धाव्

धावति


 धावतः


 धावन्ति


खेल्

 खेलति 


 खेलतः

खेलन्ति  

प्रश्न 5. लेखनाभ्यास कुरुत (लिखने का अभ्यास करो)

हंसविवेक वामः

कमलविमलताम् इच्छामः ।

माला पुस्तक- वीणाभिः

तमसो ज्योतिर्गच्छामः ॥

नोट - छात्र स्वयं अभ्यास करें।

प्रश्न 6. शिक्षक की सहायता से यह जानें कि देवी सरस्वती ने ये सब क्यों धारण किए हैं ? और इनसे हमें क्या प्रेरणाएँ लेनी चाहिए? मातृभाषा में लिखिए। (चित्र पाठ्य पुस्तक में से देखें।)

उत्तर- ये सब सरस्वती माँ के आभूषण हैं। उनके स्वरूप के प्रतीक हैं। हमें इनसे अंधेरे को दूर कर प्रकाश

की ओर जाने की प्रेरणा लेनी चाहिए। हमें इनसे सदा ज्ञान प्राप्त करने एवं कर्म करने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

अधोलिखितानां MCQs इत्यस्य उत्तरं ददातु

 
 

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