राजकीय प्राथमिक विद्यालय मटीलाधूरा ताड़ीखेत में बाल लोकपर्व फूलदेई का आयोजन विभिन्न कार्यक्रमों के साथ किया गया।

आज राजकीय प्राथमिक विद्यालय मटीलाधूरा विकासखंड ताड़ीखेत जिला अल्मोड़ा में बाल लोक पर्व फूलदेई हर्षोल्लास से मनाया गया,उत्तराखंड के लोक पर्वो का प्रचार प्रसार , संरक्षण व रचनात्मक तरीके से आगामी पीढ़ी को हस्तांतरित करने के उद्देश्य से विद्यालय में इस पर्व का आयोजन किया गया। इस अवसर पर  बच्चो ने शिक्षकों के साथ  परिवेश में उगने वाले औषधीय फूल और पौधों के हरबेरियम का निर्माण किया बच्चो को पारंपरिक ज्ञान के बारे में बताया गया(जो अब विलुप्ति हो रहा है ) बच्चो ने चित्रकारी प्रतियोगिता में भाग लिया 
और टोकरी सजाओ प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया इस प्रतियोगिता में कक्षा 5 की रितिका बिष्ट और हिमांशु बिष्ट प्रथम आये और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए ,प्रकृति संरक्षण और प्रकृति की उपयोगिता बताता यह बाल पर्व अनूठा है जहाँ बड़े बच्चो से आशीर्वाद प्राप्त करते है ।शिक्षा में यह मौका बाल रचनात्मकता को बढ़ाने का है इसी उद्देश्य से बच्चों ने जैविक पदार्थ जैसे पुराने अखबार ,कागज ,गत्ते से बहुत सुंदर फूलों की टोकरियां बनाई और उन्हें सजाया ,सभी बच्चो ने अपनी अपनी टोकरियों में विभिन्न प्रकार के फूल जैसे बुराँश, प्योली , आड़ू ,मेहल, बासिंग इत्यादि से सजाई , क्योकि यह बाल पर्व समुदाय के साथ मिलकर आयोजित किया था इसीलिए अभिभावकों ने भी प्रकृति संरक्षण के लिए वचन लिया और बच्चो द्वारा फूलदेई पर बनाई दीवारपत्रिका का अवलोकन किया ।



प्राथमिक विद्यालय की शिक्षा में "फूलदेई महोत्सव" के उत्सव को शामिल करने के कई शैक्षिक उद्देश्य हैं। इसका उद्देश्य छात्रों में प्रकृति के प्रति श्रद्धा पैदा करना, समुदाय और परंपरा की भावना को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देना है। पुष्प पूजा जैसी गतिविधियों के माध्यम से, छात्र प्रकृति की सुंदरता की सराहना करना, कृतज्ञता व्यक्त करना और अपने परिवेश के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित करना सीखते हैं। इसके अतिरिक्त, यह त्यौहार बच्चों को मौसमी बदलावों, कृषि पद्धतियों और पारंपरिक रीति-रिवाजों के बारे में सिखाने का अवसर प्रदान करता है, जिससे कक्षा से परे उनके सीखने के अनुभव को समृद्ध किया जाता है।





"फूलदेई महोत्सव" के अवसर पर, छात्र उत्साहपूर्वक स्कूल परिसर में जीवंत "दीवार पत्रिका" (बुलेटिन बोर्ड) बनाने में संलग्न होते हैं। ये बोर्ड छात्रों के बीच रचनात्मकता और भाषा विकास को बढ़ावा देने के लिए गतिशील मंच के रूप में काम करते हैं। बुलेटिन बोर्डों को रंगीन कलाकृति के साथ डिजाइन करने और सजाने की प्रक्रिया के माध्यम से, छात्र अपनी रचनात्मक प्रतिभा को उजागर करते हैं, त्योहार से संबंधित विभिन्न विषयों का पता लगाते हैं और अपने विचारों को दृश्य रूप से व्यक्त करते हैं। इसके अलावा, दृश्यों के साथ संदेश, कैप्शन और विवरण तैयार करने का कार्य उनके भाषा कौशल, शब्दावली और प्रभावी ढंग से संवाद करने की क्षमता को बढ़ाता है। इस प्रकार, "दीवार पत्रिका" न केवल उत्सव के माहौल को बढ़ाती है बल्कि छात्रों की रचनात्मकता और भाषा दक्षता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।







कार्यक्रम के विडियो झल्की देखें 

 


शिक्षक भास्कर जोशी 
(शिक्षा से सूचना तक )


uttarakhand festival,phool dei festival,uttarakhand,uttarakhand festivals,phool dei festival uttarakhand in hindi,phool dei festival uttarakhand,festivals of uttarakhand,fooldeyi festiwal uttarakhand 2018,phooldei festival of uttarakhand,festival of uttarakhand,folk festival of uttarakhand,phool dei uttarakhand,phool dei uttarakhand festival,culture of uttarakhand,phool dei festival uttarakhand status,फूलदेई - a folk festival of uttarakhand

0 Comments

Post a Comment

Post a Comment (0)

Previous Post Next Post