गिर्दा का कुमाऊँनी गीत - जैंता एक दिन तो आलो
दैंण ह्वै जाए माँ सरस्वती, माँ सरस्वती दैंण ह्वै जाए.हिं
ग्वाली अन्वार तेरि, हंस की सवारी मैय्या, हंस की सवारी.
तू हमरी ज्ञानदात्री, हम त्यारा पुजारी मैय्या हम त्यारा पुजारी.
बुद्धि दी दिए मति दी दिए, माँ सरस्वती दैंण ह्वै जाए.
तेरि कृपा की चाह में छ्युं, सच्चाई की राह में छ्युं, सुण ले माँ पुकार.
जाति धर्म छोड़ि छाड़ि, नक विचार छोड़ि छाड़ि, भल दिए विचार.
ध्यान धरिए, भल करिए माँ सरस्वती दैंण ह्वै जाए.
श्वेत हंस, श्वेत कमल, श्वेत माला मोती.
एक हाथ में वींण छाजि रै, एक हाथ में पोथी.
झोली भरिए पार करिए माँ सरस्वती दैंण ह्वै जाए.
मन को अन्ध्यार मिटाए, ज्ञान को दीपक जलाए, ज्ञान को दीपक.
तेरि करछूं मैं विनती, मेरि धरिए लाज मैय्या, मेरि धरिए लाज.
ज्ञान दी दिए विवेक दी दिए मां सरस्वती दैंण ह्वै जाए.
दैंण ह्वै जाए माँ सरस्वती, माँ सरस्वती दैंण ह्वै जाए.
*भारत का राष्ट्रगान : जन-गण-मन*
जन-गण-मन अधिनायक जय हे,
भारत-भाग्य-विधाता ।
पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा,
द्रावि़ड़ उत्कल बंग ।
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा,
उच्छल जलधि तरंग ।
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशिष मांगे,
गाहे तव जय गाथा ।
जन-गण मंगलदायक जय हे,
भारत-भाग्य-विधाता ।
जय हे ! जय हे !! जय हे !!!
जय ! जय ! जय ! जय हे !!
*2.राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम्*
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यशामलां मातरम्।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं
सुखदां वरदां मातरम् ॥१॥
वन्दे मातरम्।
*3.झंडा गीत*
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला,
वीरों को हरषाने वाला,
मातृभूमि का तन-मन सारा।। झंडा...।
आओ! प्यारे वीरो, आओ।
देश-धर्म पर बलि-बलि जाओ,
एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा।। झंडा...।
इसकी शान न जाने पाए,
चाहे जान भले ही जाए,
विश्व-विजय करके दिखलाएं,
तब होवे प्रण पूर्ण हमारा।। झंडा...।
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
4. कदम कदम बढ़ाए जा ।
कदम-कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा
ये जिन्दगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा
तू शेर-ए-हिन्द आगे बढ़, मरने से तू कभी ना डर
उड़ा के दुश्मनों का सर, जोश-ए-वतन बढ़ाये जा
कदम-कदम बढ़ाये जा...
तेरी हिम्मत बढ़ती रहे, खुदा तेरी सुनता रहे
जो सामने तेरे अड़े, तो ख़ाक में मिलाये जा
कदम-कदम बढ़ाये जा...
चलो दिल्ली पुकार के, गम-ए-निशां सम्भाल के
लाल किले पे गाड़ के, लहराये जा, लहराये जा
कदम-कदम बढ़ाये जा...
कदम-कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा
ये जिन्दगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा
5. सारे जहां से अच्छा
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा
पर्बत वो सब से ऊँचा हम-साया आसमाँ का
वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा
गोदी में खेलती हैं इस की हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिन के दम से रश्क-ए-जिनाँ हमारा
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा
6. हिंद देश के निवासी
हिंद देश के निवासी सभी जन एक है
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है
हिंद देश के निवासी सभी जन एक है
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है
बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली
बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली
प्यारे-प्यारे फूल गूंथे माला में एक है
प्यारे-प्यारे फूल गूंथे माला में एक है
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक है
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है
कोयल की कूक न्यारी पपीहे की टेर प्यारी
कोयल की कूक न्यारी पपीहे की टेर प्यारी
गा रही तराना बुलबुल राग मगर एक है
गा रही तराना बुलबुल राग मगर एक है
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक है
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है
गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्णा कावेरी
गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्णा कावेरी
जाके मिल गयी सागर में हुई सब एक है
जाके मिल गयी सागर में हुई सब एक है
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक है
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है
हिंद देश के निवासी सभी जन एक है
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है
हिंद देश के निवासी सभी जन एक है
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक है
7. आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट है
दक्षिण में चरणों को धोता सागर का सम्राट है
जमुना जी के तट को देखो गंगा का ये घाट है
बाट-बाट में हाट-हाट में यहाँ निराला ठाठ है
देखो ये तस्वीरें अपने गौरव की अभिमान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती हैं बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
ये हैं अपना राजपूताना नाज़ इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा बरछी तीर कटारों पे
ये प्रताप का वतन पला है आज़ादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों पद्मिनियाँ अंगारों पे
बोल रही है कण कण से क़ुर्बानी राजस्थान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
देखो मुल्क मराठों का यह यहां शिवाजी डोला था
मुग़लों की ताकत को जिसने तलवारों पे तोला था
हर पर्वत पे आग जली थी हर पत्थर एक शोला था
बोली हर-हर महादेव की बच्चा-बच्चा बोला था
शेर शिवाजी ने रखी थी लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
जलियाँवाला बाग ये देखो यहीं चली थी गोलियां
ये मत पूछो किसने खेली यहाँ खून की होलियां
एक तरफ़ बंदूकें दन दन एक तरफ़ थी टोलियां
मरनेवाले बोल रहे थे इंक़लाब की बोलियां
यहां लगा दी बहनों ने भी बाजी अपनी जान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
ये देखो बंगाल यहां का हर चप्पा हरियाला है
यहां का बच्चा-बच्चा अपने देश पे मरनेवाला है
ढाला है इसको बिजली ने भूचालों ने पाला है
मुट्ठी में तूफ़ान बंधा है और प्राण में ज्वाला है
जन्मभूमि है यही हमारे वीर सुभाष महान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की
वंदे मातरम, वंदे मातरम
8. इंसाफ की डगर पे
इन्साफ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चल के
ये देश है तुम्हारा, नेता तुम्हीं हो कल के
दुनिया के रंज सहना और कुछ ना मुँह से कहना
सच्चाईयों के बल पे, आगे को बढ़ते रहना
रख दोगे एक दिन तुम, संसार को बदल के
इन्साफ की डगर पे...
अपने हों या पराए, सब के लिए हो न्याय
देखो कदम तुम्हारा, हरगिज़ ना डगमगाए
रस्ते बड़े कठिन हैं, चलना संभल-संभल के
इन्साफ की डगर पे...
इन्सानियत के सर पे, इज़्ज़त का ताज रखना
तन मन की भेंट देकर, भारत की लाज रखना
जीवन नया मिलेगा, अंतिम चिता में जल के
इन्साफ की डगर पे...
9. हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब,
हम होंगे कामयाब, एक दिनमन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
हम होंगे कामयाब एक दिन...
होगी शांति चारों ओर, होगी शांति चारों ओर
होगी शांति चारों ओर, एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
होगी शांति चारों ओर एक दिन...
हम चलेंगे साथ-साथ
डाल हाथों में हाथ
हम चलेंगे साथ-साथ, एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन...
नहीं डर किसी का आज
नहीं डर किसी का आज, एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
नहीं डर किसी का आज एक दिन...
दया करना हमारी आत्मा में,
शुद्धता देना।
हमारे ध्यान में आओ,
प्रभु आँखों में बस जाओ,
अँधेरे दिल में आकर के,
प्रभु ज्योति जगा देना।
बहा दो प्रेम[१] की गंगा,
दिलों में प्रेम का सागर,
हमें आपस में मिल-जुल के,
प्रभु रहना सीखा देना।
हमारा धर्म हो सेवा,
हमारा कर्म हो सेवा,
सदा ईमान हो सेवा,
व सेवक जन बना देना।
वतन के वास्ते जीना,
वतन के वास्ते मरना,
वतन पर जाँ फिदा करना,
प्रभु हमको सीखा देना।
दया कर दान विद्या का,
हमें परमात्मा देना,
दया करना हमारी आत्मा में,
शुद्धता देना।
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