CIET- NCERT में एआई(AI) टूल्स का उपयोग करके ई-कंटेंट डेवलपमेंट पर पांच दिवसीय कार्यशाला का सफल समापन।







एआई टूल्स का उपयोग करके ई-कंटेंट डेवलपमेंट पर पांच दिवसीय कार्यशाला का सफल समापन

नई दिल्ली, 21 सितंबर 2024 – केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (CIET), NCERT ने आज NCERT परिसर, नई दिल्ली में "एआई टूल्स का उपयोग करके ई-कंटेंट डेवलपमेंट" पर अपनी पांच दिवसीय फेस-टू-फेस कार्यशाला का समापन किया। 17-21 सितंबर 2024 तक आयोजित कार्यशाला का उद्देश्य एससीईआरटी, सीटीई, डीआईईटी, आईएएसई और स्कूलों के शिक्षकों और शिक्षकों को इंटरैक्टिव और आकर्षक ई-कंटेंट विकसित करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) टूल का लाभ उठाने के लिए सशक्त बनाना था।

समापन दिवस पर एक समापन सत्र आयोजित किया गया, जहाँ सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए, जो कार्यक्रम के सफल समापन का प्रतीक था। उल्लेखनीय उपस्थित लोगों में उत्तराखंड के प्रतिनिधि शामिल थे, जिनमें श्री आर.पी. बडोनी, श्री प्रदीप नेगी और श्री भास्कर जोशी शामिल थे, जिन्होंने कार्यशाला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने राज्य का गर्व से प्रतिनिधित्व किया।

सीआईईटी-एनसीईआरटी के संयुक्त निदेशक डॉ. अमरेंद्र पी. बेहरा और सीआईईटी-एनसीईआरटी के एमपीडी प्रमुख प्रो. राजेंद्र पाल, एनसीईआरटी के प्रो. इंदु कुमार और प्रो. शिरीष पाल के साथ, कार्यक्रम की देखरेख करने वाली सलाहकार टीम का हिस्सा थे। कार्यशाला का समन्वय डॉ. उपासना रे और डॉ. कन्नन एस. ने किया, जिसमें डिजिटल मीडिया विशेषज्ञ श्री सुनील प्रभाकर ने कई तकनीकी सत्रों का नेतृत्व किया। कार्यशाला की मुख्य विशेषताएं: कार्यशाला की शुरुआत डिजिटल सूचना अनुसंधान के परिचय के साथ हुई और धीरे-धीरे शिक्षण में एआई एकीकरण, एआई-संचालित सामग्री निर्माण और शिक्षा को बढ़ाने के लिए डिजिटल उपकरण जैसे उन्नत विषयों को कवर किया गया। व्यावहारिक सत्र एक प्रमुख विशेषता थी, जिससे प्रतिभागियों को ई-सामग्री निर्माण के लिए एआई उपकरण, मोबाइल ऐप और वेब-आधारित संसाधनों के साथ प्रयोग करने का मौका मिला। कार्यक्रम में मशीन लर्निंग, जनरेटिव एआई और एआई संचार पर सत्र शामिल थे, जिसमें डिजिटल युग में शिक्षा के भविष्य पर जोर दिया गया। ध्वनि और वीडियो स्टूडियो, CIET में VR लैब और ELC लैब के दौरे ने प्रतिभागियों को अत्याधुनिक तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया। अंतिम दिन में स्मार्टफ़ोन के साथ बजट-अनुकूल सामग्री निर्माण के लिए AI का उपयोग करने पर इंटरैक्टिव सत्र शामिल थे, इसके बाद AI नैतिकता और शिक्षा के भविष्य में इसकी भूमिका पर चर्चा हुई। मुख्य उपलब्धियाँ: प्रतिभागियों ने कार्यशाला से निम्नलिखित कौशल प्राप्त किए: AI उपकरणों का उपयोग करके इंटरैक्टिव और आकर्षक डिजिटल सामग्री विकसित करें। छात्रों की सहभागिता और सीखने के परिणामों को बढ़ाने के लिए AI तकनीकों को अपनी शिक्षण पद्धतियों में एकीकृत करें। NCERT मानकों के अनुरूप डिजिटल स्क्रिप्ट, क्विज़ और प्रस्तुतियाँ बनाएँ। कार्यशाला NEP 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप है, जो सीखने को अधिक समावेशी और भविष्य के लिए तैयार करने के लिए शैक्षिक प्रणाली में AI और डिजिटल उपकरणों को एकीकृत करने की वकालत करती है। उपस्थित लोगों की प्रतिक्रिया अत्यधिक सकारात्मक थी, प्रतिभागियों ने अपने संस्थानों में अपने नए कौशल को लागू करने के लिए उत्साह व्यक्त किया। जैसे-जैसे डिजिटल युग में शिक्षा विकसित होती जा रही है, इस तरह की कार्यशालाएँ शिक्षकों को सफल होने के लिए उपकरणों से लैस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एनसीईआरटी इस परिवर्तन का नेतृत्व करने और भारतीय शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

शिक्षक भास्कर जोशी 
(शिक्षा से सूचना तक )

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