दीक्षा पोर्टल: ई-कंटेंट विकास कार्यशाला में नवाचार की ओर एक कदम


देहरादून। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के आईटी विभाग द्वारा आयोजित दीक्षा पोर्टल कंटेंट निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्यशाला ने डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए। इस कार्यशाला में राज्यभर के शिक्षकों और संदर्भदाताओं ने उत्साह और जिज्ञासा के साथ भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को डिजिटल शिक्षण सामग्री निर्माण में दक्ष बनाना था ताकि वे 21वीं सदी के शिक्षा मॉडल को मजबूती से अपनाकर छात्रों को अधिक रोचक और प्रभावी सीखने का अनुभव प्रदान कर सकें।

ई-कंटेंट निर्माण: एक नया अध्याय

कार्यशाला में ई-कंटेंट निर्माण के विविध पहलुओं पर गहन चर्चा हुई। यह प्रक्रिया केवल तकनीकी ज्ञान का ही नहीं, बल्कि सृजनात्मकता और कहानी कहने की कला का भी संगम है। स्क्रिप्ट लेखन और वीडियो स्क्रिप्ट लेखन जैसे विषयों पर गहराई से विचार-विमर्श हुआ। डॉ. के. एन. बिजलवान ने प्रतिभागियों को सरल, प्रभावी और छात्र-केंद्रित स्क्रिप्ट लेखन के बेहतरीन सुझाव दिए। उन्होंने इसे एक कहानी की तरह विकसित करने की कला को समझाया, जो छात्रों को न केवल जानकारी देती है बल्कि उन्हें प्रेरित भी करती है।

कार्यक्रम समन्वयक और रिसोर्स पर्सन की भूमिका

कार्यशाला के कार्यक्रम समन्वयक शिव प्रकाश वर्मा ने उद्घाटन सत्र में कहा, "शिक्षा के डिजिटल युग में, एक प्रभावी ई-कंटेंट वह पुल है, जो ज्ञान को छात्रों तक सहजता से पहुंचाता है।" उन्होंने कार्यशाला के उद्देश्यों और महत्व को विस्तार से समझाते हुए इसे डिजिटल शिक्षा में क्रांति का एक हिस्सा बताया।

कार्यशाला के दौरान रिसोर्स पर्सन भास्कर जोशी और प्रदीप नेगी ने दीक्षा पोर्टल पर नमूना स्क्रिप्ट्स प्रस्तुत कीं और प्रतिभागियों को यह समझाया कि डिजिटल कंटेंट को प्रभावी बनाने के लिए उसमें टेक्स्ट, विज़ुअल्स और ऑडियो का सामंजस्य कैसे होना चाहिए। उन्होंने प्रतिभागियों को यह भी सिखाया कि दीक्षा पोर्टल को किस प्रकार छात्रों और शिक्षकों के लिए एक सशक्त मंच बनाया जा सकता है।

भास्कर जोशी ने ई-कंटेंट निर्माण को 'एक डिजिटल शिक्षण कहानी' की तरह विकसित करने की सलाह दी, जो न केवल छात्रों का ध्यान आकर्षित करे बल्कि उन्हें विचारशील भी बनाए। उनके विचारों ने प्रतिभागियों को यह समझाया कि एक आदर्श ई-कंटेंट वह है जो जटिल विषयों को भी सरल और रोचक रूप में प्रस्तुत करे।

प्रतिभागियों का सक्रिय योगदान

राज्य के 13 जनपदों से आए डाइट्स और स्कूलों के प्रतिभागियों ने कार्यशाला में अपने कौशल और विचार साझा किए। उन्हें दो-दो विषयों पर ई-कंटेंट विकसित करने का दायित्व सौंपा गया। यह कंटेंट आदर्श स्क्रिप्ट्स के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा, जिसे कार्यशाला के दौरान ही रिसोर्स पर्सन द्वारा परखा और संशोधित किया गया। यह अभ्यास न केवल प्रतिभागियों को सृजनात्मक स्वतंत्रता देता है बल्कि उन्हें उनके कार्य में सुधार के सुझाव भी प्रदान करता है।

कार्यशाला का व्यापक महत्व

इस कार्यशाला ने शिक्षा की डिजिटल यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ा है। दीक्षा पोर्टल, जो कि डिजिटल युग का एक मजबूत आधारस्तंभ बन चुका है, शिक्षकों और छात्रों को एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जहां वे न केवल ज्ञान साझा कर सकते हैं बल्कि अपने विचारों को भी साकार कर सकते हैं।

डिजिटल सामग्री, जिसे इस कार्यशाला के तहत विकसित किया जा रहा है, शिक्षा को पारंपरिक सीमाओं से परे ले जाने में सहायक सिद्ध होगी। यह प्रयास शिक्षा जगत में उस सूरज की तरह है, जो हर छात्र के मन में ज्ञान की रोशनी फैलाने का कार्य करेगा।

"यह कार्यशाला केवल ई-कंटेंट निर्माण तक सीमित नहीं है," एक प्रतिभागी ने कहा, "बल्कि यह शिक्षकों को डिजिटल युग में एक सशक्त और प्रेरणादायक भूमिका निभाने के लिए तैयार कर रही है।"

इस प्रकार, यह कार्यशाला शिक्षकों और छात्रों को एक नई दिशा और दृष्टि प्रदान करती है, जहां शिक्षा का हर स्वरूप सशक्त, प्रभावी और भविष्य-केंद्रित है।

28 दिसंबर 2024 : दीक्षा पोर्टल ई-कंटेंट निर्माण कार्यशाला का समापन: डिजिटल शिक्षण में नई संभावनाओं का अनावरण


देहरादून स्थित एससीईआरटी के सभागार में आयोजित दीक्षा पोर्टल ई-कंटेंट निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन किया गया। इस कार्यक्रम में शिक्षकों को डिजिटल तकनीकों के माध्यम से विषय-वस्तु को और अधिक प्रभावी एवं आकर्षक बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रतिभागियों को वीडियो निर्माण, स्क्रिप्ट लेखन और विभिन्न आधुनिक डिजिटल उपकरणों के उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। आईटी विभाग के विशेषज्ञ रमेश बडोनी ने इस दौरान ई-कंटेंट निर्माण से जुड़ी उपयोगी सामग्री प्रस्तुत की।

कार्यशाला के समन्वयक एस.पी. वर्मा ने कहा, "इस कार्यशाला ने शिक्षकों को नए विचारों और प्रभावी स्क्रिप्ट्स के निर्माण में सक्षम बनाया है, जो विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे।"

कार्यक्रम में अपर निदेशक डॉ. मुकुल सती ने अपने संबोधन में गुणवत्ता पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा, "ई-कंटेंट निर्माण का यह प्रयास न केवल डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगकर्ता-अनुकूल सामग्री तैयार करने में मददगार होगा।"

कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन भास्कर जोशी और प्रदीप नेगी ने आईसीटी टूल्स के उपयोग पर विशेष व्याख्यान दिए। उन्होंने शिक्षकों को तकनीकी कौशल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इन उपकरणों का उचित उपयोग डिजिटल शिक्षण को और अधिक प्रभावशाली बना सकता है।

प्रतिभागियों ने पूरे सत्र के दौरान उत्साहपूर्वक भाग लिया और डिजिटल सामग्री निर्माण से संबंधित कई उपयोगी तकनीकों को आत्मसात किया। इस प्रशिक्षण ने शिक्षकों को डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में नए आयामों की ओर प्रेरित किया और गुणवत्तापूर्ण सामग्री निर्माण के लिए सक्षम बनाया।

कार्यशाला के अनुभव और विचार प्रतिभागियों के लिए प्रेरणा स्रोत साबित हुए। सभी ने इसे एक अनूठा और ज्ञानवर्धक अनुभव बताया। इस कार्यशाला के माध्यम से दीक्षा पोर्टल पर ई-कंटेंट निर्माण का यह प्रयास भविष्य में शिक्षा क्षेत्र के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।

शिक्षक भास्कर जोशी 
(शिक्षा से सूचना तक )

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