ई-लर्निंग एससीईआरटी नवीन IT लैब में दीक्षा SRG ई- कंटेंट कार्यशाला का आईटीडीए देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में सफल समापन।

ई-लर्निंग सेंटर, एससीईआरटी उत्तराखंड |

शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा देने और शिक्षकों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से, उत्तराखंड एससीईआरटी के ई-लर्निंग सेंटर आईटी लैब में 6 दिवसीय दीक्षा कंटेंट कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला SCERT और ITDA देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुई।

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को डिजिटल टूल्स, दीक्षा प्लेटफॉर्म और ई-लर्निंग सामग्री निर्माण के आधुनिक तरीकों से परिचित कराना था, ताकि वे अपनी शिक्षण विधियों को अधिक प्रभावी और छात्रों के लिए रुचिकर बना सकें

इस 6 दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागियों को गूगल टूल्स, साइबर सुरक्षा, डिजिटल कंटेंट निर्माण, क्विज डिजाइनिंग, ईमेल प्रबंधन, कोलैबोरेटिव लर्निंग प्लेटफॉर्म्स, और दीक्षा प्लेटफॉर्म पर कंटेंट अपलोडिंग जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यशाला के समापन समारोह में उपनिदेशक एससीईआरटी शैलेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में सभी शिक्षकों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर आईटीडीए के संजीवन सोनटा, शिल्पी नेगी, आईटी विभाग के रमेश बडोनी, एसपी वर्मा और पुष्पा असवाल सहित कई महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित रहे।

      

दिन 1: ई-लर्निंग सेंटर का उद्घाटन और आईसीटी आधारित प्रशिक्षण की शुरुआत

आज एससीईआरटी उत्तराखंड और आईटीडीए उत्तराखंड के संयुक्त प्रयास से विकसित "ई-लर्निंग सेंटर" का उद्घाटन किया गया। यह केंद्र भारत सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत आईटी लैब के रूप में स्थापित किया गया है। इस छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को आईसीटी टूल्स और प्रशासनिक सहायक उपकरणों का प्रभावी ढंग से उपयोग सिखाना है।

उद्घाटन सत्र और प्रमुख चर्चाएँ

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री प्रदीप कुमार रावत (अतिरिक्त निदेशक, एससीईआरटी) ने शिक्षकों को तकनीक-सक्षम कक्षाओं के महत्व पर संबोधित किया। उन्होंने शिक्षकों को आईसीटी सक्षम बनने और डिजिटल टूल्स को अपने शिक्षण पद्धति में शामिल करने पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने शिक्षकों के लिए हिंदी में MOOCs कोर्स प्रस्तावित किया।

प्रशिक्षण सत्र और संसाधन व्यक्ति

  • आर. पी. बडोनी (आईसीटी MOOCs समन्वयक) ने कोर्स संरचना पर चर्चा की।
  • एस. पी. वर्मा (दीक्षा एसआरजी समन्वयक) ने एनईपी 2020 और दीक्षा पोर्टल के उपयोग पर सत्र लिया।
  • भास्कर जोशी (संसाधन व्यक्ति) ने ई-कंटेंट निर्माण और डिजिटल योजना पर प्रभावी प्रशिक्षण दिया।

तकनीकी सहयोग

तकनीकी सहायता हेतु आईटीडीए की टीम, जिसमें वीरेंद्र सिंह चौहान, संजीवन सुन्‍था और शिल्पी बिष्ट शामिल थे, ने प्रमुख भूमिका निभाई।

     

 


दिन 2: डिजिटल कंटेंट निर्माण और स्मार्ट क्लास टूल्स पर प्रशिक्षण

दूसरे दिन शिक्षकों को डिजिटल कंटेंट निर्माण, स्मार्ट क्लास टूल्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग पर प्रशिक्षण दिया गया।

प्रमुख गतिविधियाँ:

  • भास्कर जोशी ने कंटेंट क्रिएशन और वीडियो स्क्रिप्टिंग पर सत्र लिया।
  • क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस और स्मार्ट सर्च तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया गया।
  • AI टूल्स, Canva और Google Slides का उपयोग करके इंटरैक्टिव कंटेंट बनाने का अभ्यास कराया गया।
  • स्मार्ट क्लास टूल्स और IT स्किल्स पर शिल्पी बिष्ट (आईटीडीए) द्वारा सत्र आयोजित किया गया।




दिन 3: ई-कंटेंट निर्माण और एनईपी 2020 के अनुरूप डिजिटल शिक्षण

तीसरे दिन शिक्षकों को ई-कंटेंट निर्माण की उन्नत तकनीकों और डिजिटल शिक्षा की प्रभावशीलता पर केंद्रित प्रशिक्षण दिया गया।

प्रमुख गतिविधियाँ:

  • आर. पी. बडोनी ने 6E टीचिंग मॉडल और एनईपी 2020 पर चर्चा की।
  • PhET सिमुलेशन, क्विज़ निर्माण उपकरण और डिजिटल मूल्यांकन तकनीकों का उपयोग सिखाया गया।
  • पीएम ई-विद्या और डिजिटल चैनलों का शिक्षण में उपयोग विषय पर विस्तृत चर्चा की गई।

दिन 4: एड-टेक टूल्स और डिजिटल लेसन प्लानिंग

चौथे दिन शिक्षकों को गूगल वर्कस्पेस, गूगल स्लाइड्स, वर्ड वॉल, Nearpod और AI टूल्स पर गहन प्रशिक्षण दिया गया।

प्रमुख गतिविधियाँ:

  • गूगल ड्राइव, डॉक, शीट्स और स्लाइड्स का प्रभावी उपयोग।
  • Nearpod और वर्ड वॉल से इंटरैक्टिव शिक्षण को बढ़ावा देना।
  • AI टूल्स के माध्यम से स्मार्ट शिक्षण तकनीकों को समझना। 


दिन 5: ई-ऑफिस और IFMS पर प्रशिक्षण

पांचवें दिन शिक्षकों को ई-ऑफिस और IFMS (इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) का प्रशिक्षण दिया गया, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में दक्षता बढ़े।

प्रमुख सत्र:

  • ई-ऑफिस परिचय: सरकारी कार्यालयों में डिजिटल प्रशासन के महत्व को समझाया गया।
  • IFMS परिचय: वित्तीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने पर चर्चा 

दिन 6 ई-लर्निंग सेंटर आईटी लैब: दीक्षा कंटेंट कार्यशाला का सफल समापन

उत्तराखंड एससीईआरटी के ई-लर्निंग सेंटर आईटी लैब में 6 दिवसीय दीक्षा कंटेंट कार्यशाला का आयोजन SCERT और ITDA देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यशाला का समापन समारोह आज आयोजित किया गया, जिसमें उपनिदेशक एससीईआरटी शैलेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर आईटीडीए के संजीवन सोनटा, शिल्पी नेगी, आईटी विभाग के रमेश बडोनी, एसपी वर्मा और पुष्पा असवाल सहित कई महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित रहे।

6 दिवसीय कार्यशाला की मुख्य गतिविधियाँ:

       
       

🔹 पहला दिन: कार्यशाला का परिचय, साइबर सुरक्षा, विभिन्न लॉगिन प्रक्रियाओं की जानकारी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की भूमिका पर चर्चा।
🔹 दूसरा दिन: गूगल टूल्स जैसे गूगल प्रेजेंटेशन, ईमेल, और क्विज निर्माण की ट्रेनिंग, जिससे शिक्षकों को डिजिटल शिक्षण सामग्री तैयार करने में सहायता मिले।
🔹 तीसरा दिन: गूगल फॉर्म्स और कोलैबोरेटिव लर्निंग प्लेटफॉर्म पर अभ्यास, जिससे ऑनलाइन शिक्षण को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
🔹 चौथा दिन: दीक्षा प्लेटफॉर्म पर कंटेंट निर्माण, संपादन और अपलोडिंग की प्रक्रिया को समझना और प्रैक्टिकल सत्र के माध्यम से इसे लागू करना।
🔹 पांचवां दिन: ई-लर्निंग सेंटर और आईटी लैब में व्यावहारिक अभ्यास, जहां शिक्षकों ने अपने बनाए गए कंटेंट को अपलोड करने का अनुभव प्राप्त किया।
🔹 छठा दिन: प्रतिभागियों द्वारा फीडबैक सत्र, अनुभव साझा करना और प्रमाण पत्र वितरण, जिसमें सभी ने इस प्रशिक्षण को उपयोगी और नवाचारयुक्त बताया।

प्रतिभागियों के विचार एवं अनुभव:

🔸 शेखर बुटोला ने इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बताया, जिसने उनकी डिजिटल शिक्षण क्षमताओं को बढ़ाया।
🔸 अदिति और नुपुर शर्मा ने कहा कि इस प्रशिक्षण से वे अपने स्कूलों में नवाचार को बढ़ावा दे सकेंगे।
🔸 गुलशन चौहान और प्रीतम नेगी ने साझा किया कि वे अब अपने छात्रों के लिए नए प्रकार के इंटरएक्टिव कंटेंट तैयार कर सकेंगे।
🔸 संजय असवाल, मनोज सिंह, भावना भंडारी और गंगाधर भट्ट ने भी कार्यशाला को बेहद लाभकारी बताया और भविष्य में इस तरह के और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की।

भविष्य की संभावनाएँ:

प्रतिभागियों ने SCERT और ITDA के इस प्रयास की सराहना की और आग्रह किया कि भविष्य में भी हैंड्स-ऑन प्रैक्टिस आधारित ट्रेनिंग आयोजित की जाएं। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण ने उन्हें नई तकनीकों और डिजिटल टूल्स का प्रभावी उपयोग करना सिखाया, जिससे वे अपने शिक्षण को अधिक रोचक और गुणवत्ता-संपन्न बना सकें।

यह कार्यशाला उत्तराखंड में डिजिटल शिक्षा और आधुनिक शिक्षण पद्धतियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।

निष्कर्ष:

इस छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ने शिक्षकों को आईसीटी टूल्स और डिजिटल शिक्षण तकनीकों में दक्ष बनाया। यह पहल उत्तराखंड में डिजिटल साक्षरता को बढ़ाने और कक्षाओं में नवीन शिक्षण विधियों को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

#DIKSHAWorkshop #EdTech #E-Learning #DigitalEducation #TeacherTraining #SCERTUttarakhand #ITDADehradun #TechForTeachers #InteractiveLearning #ContentCreation #EdInnovation #CyberSecurity #GoogleTools #EmpoweringTeachers #DigitalTeaching

शिक्षक भास्कर जोशी 
(शिक्षा से सूचना तक )

















 

0 Comments

Post a Comment

Post a Comment (0)

Previous Post Next Post