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Showing posts with the label उत्तराखण्ड

प्रवक्ता और सहायक शिक्षक एलटी जिन्हें प्रभारी प्रधानाचार्य/प्रभारी प्रधानाध्यापक का कार्यभार दिया गया है, उन्हें अब आहरण एवं व्ययन अधिकारी (डीडीओ) के पद पर नियुक्त किया जाएगा।

आदेश डाउनलोड करें देहरादून, 3 जून, 2024 - उत्तराखंड के स्कूलों में प्रिंसिपल और हेडमास्टर के रिक्त पदों से उत्पन्न चुनौतियों के मद्देनजर, राज्य सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में वित्तीय संवितरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया है। वित्त विभाग (डब्ल्यू.ई.-एस.एन.) अनुभाग-7 के कार्यालय ज्ञापन संख्या 215212, दिनांक 3 जून, 2024 के अनुसार, सरकार ने उत्तराखंड वित्तीय पुस्तिका भाग-1 (वित्तीय शक्तियों का प्रत्यायोजन), विवरण-8 (विविध वित्तीय शक्तियाँ) के अंतर्गत किसी भी कार्यालय में संवितरण अधिकारी के रूप में लेखा प्रक्रियाओं और वित्तीय नियमों से अच्छी तरह वाकिफ सर्वोच्च राजपत्रित अधिकारी को नियुक्त करने का प्रावधान किया है। राज्य के शिक्षा विभाग में प्रिंसिपल/हेडमास्टर के पदों पर लंबे समय से रिक्तियों के कारण, स्कूलों को वित्तीय संवितरण के निष्पादन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि जिन विद्यालयों में ये पद रिक्त रह गए हैं, वहां स्थायी रूप से नियुक्त शिक्षक ( इस उपाय का उद्देश्य संबंधित विद्यालयों मे

आज श्री गंगा दशहरा छु

 आज श्री गंगा दशहरा छु , य ज्येष्ठ मास क शुक्ल पक्ष कि दशमी तिथि हूँ मनायी जा,  यस मान्यता छु कि य दिन गंगा मैया क  धरती में अवतरण है छी, य दिन लोग बाग गंगा नदि में स्नान करनी और मोक्ष क प्राप्त करनी,  हमर कुमाऊँ क्षेत्र में य दिन पंडित जू लोग एक द्वार पत्र बनुनी और अपुण यजमान लोगनक क दिनी जमे बज्र निवारक पांच ऋषियों क दगडं निम्न लिखीत श्लोक लिखी हुनी, और  बाज़ार मे ले मिलू य दशहरा पट्टा,  अगस्त्यश्च पुलस्त्यश्च वैशम्पायन एव च। जैमिनिश्च सुमन्तुश्च पञ्चैते वज्र वारकाः।।1।। मुने कल्याण मित्रस्य जैमिनेश्चानु कीर्तनात। विद्युदग्निभयंनास्ति लिखिते च गृहोदरे।।2।। यत्रानुपायी भगवान् हृदयास्ते हरिरीश्वरः। भंगो भवति वज्रस्य तत्र शूलस्य का कथा।।3।। और यस ले कही जा,  कि गंगा नदी क स्नान,  नर्मदा नदी क दर्शन, और शिप्रा नदी क नाम जपडंले   मोक्ष कि प्राप्ति है जा,  य दिन नहाते समय य मंत्र पढी जा,  रोगं शोकं तापं पापं हर मे भगवति कुमतिकलापम्। त्रिभुवनसारे वसुधाहारे त्वमसि गतिर्मम खलु संसारे॥ आपु सबनके गंगा दशहरे क ढैरो शुभकामनाएं,