*रा.प्रा.विद्यालय बजेला* हमारी नई शिक्षा नीति में व्यवहारिकता व कौशल विकास पर जोर दिया गया है , नीति अनुसार छठी कक्षा के बाद से ही बच्चो को वोकेशनल कोर्स कराया जाएगा इसके लिए छात्रों को छठी कक्षा के बाद से ही इंटर्नशिप कराई जाएगी । नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य बच्चे को कुशल बनाने के साथ-साथ *जिस भी क्षेत्र में वह रूचि रखता है,उसी क्षेत्र में उन्हें प्रशिक्षित कराना है।* यह छात्रों की सोच व रचनात्मक क्षमता को बढ़ाकर सीखने की प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाने पर जोर देती है अर्थात यह बच्चों के कौशलों के विकास पर अत्याधिक महत्व देती है यह कौशल कुछ भी हो सकते हैं जो उसके जीवन में ऊर्ध्वगति लाएं ( गुणवत्तापूर्ण शिक्षा)। यह बच्चों को किताबी कीड़ा या रट्टा लगाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाती है ,यह उनकी रचनात्मकता को बढ़ाने पर जोर देती है इसमें बच्चों को क्या सीखना है सिर्फ इस बात पर नहीं बल्कि उन्हें कैसे सिखाना है इस बात पर भी जोर दिया गया है । *आज रक्षाबंधन* के पर्व पर बच्चों ने अपने परिवेश से उपलब्ध सामग्री जैसे चीड़ के पत्ते, देवदार के पत्ते , स्प्रूस के पत्ते थूजा के पत्ते( मोरपंखी )
शिक्षा से ही बदलाव होगा ......