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आज कुमाउनी के वरिष्ठ गीतकार, कवि हीरा सिंह राणा जी को याद करने का दिन है, उनकी तीसरी पुण्य तिथि है।

आज कुमाउनी के वरिष्ठ गीतकार, कवि हीरा सिंह राणा जी को याद करने का दिन है, उनकी तीसरी पुण्य तिथि है, नमन... लस्का कमर बांधा,हिम्मत का साथ, भोल आई उज्याली होली, का तक रौली राता... अपने लोकगीतों के माध्यम से पहाड़ों की पीड़ा को चित्रित करने वाले प्रसिद्ध लोक गायक हीरा सिंह राणा जी की आज तीसरी पूण्यतिथि है महान पहाड़ी व लोक संस्कृति के पुरोधा को हमारी श्रधांजलि नमन। श्वेरी राणा जी जो हिरदा के नाम से प्रसिद्ध थे पर्वतीय समुदाय के सक्रिय भागीदार थे और उन्हें बहादुरी के साथ चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करते थे। हीरा सिंह राणा, जिन्हें हिरदा के नाम से भी जाना जाता है, ने अपने गीतों के लिए प्रसिद्धि प्राप्त की जो उत्तराखंडी समाज के हितों के साथ प्रतिध्वनित हुए। मनीला के डंधोली गाँव में जन्मे, उन्होंने आजीविका के संघर्षों पर काबू पाया और अपने संगीत को आगे बढ़ाया, अंततः कई लोकप्रिय कैसेट जारी किए और अपने गीतों को विभिन्न रेडियो स्टेशनों पर प्रसारित किया।  राणा जी का जन्म 1942 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के मनीला गांव में हुआ था। उन्होंने कम उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था और जल्द