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दिव्यांग छात्रों को अब उच्च शिक्षण संस्थानों में कोर्स चुनने और क्रेडिट की मिलेगी सुविधा

  नई दिल्ली। अब दिव्यांग छात्रों को अपनी विकलांगता के आधार पर उच्च शिक्षण संस्थानों में कोर्स चुनने और क्रेडिट की सुविधा मिलेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत सामान्य छात्रों की तरह दिव्यांगों को सुविधा देने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार, दिव्यांग छात्रों को दो श्रेणियों में बांटा जाएगा। पहली श्रेणी में वे दिव्यांग छात्र शामिल हैं जिनकी विकलांगता गंभीर है और वे सामान्य शैक्षिक कार्यक्रमों में भाग लेने में असमर्थ हैं। दूसरी श्रेणियों में वे दिव्यांग छात्र शामिल हैं जिनकी विकलांगता कम गंभीर है और वे सामान्य शैक्षिक कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ अतिरिक्त सहायता और सुविधाओं की आवश्यकता हो सकती है। दिव्यांग छात्रों को अपनी श्रेणी के आधार पर, उन्हें उपलब्ध कोर्सों की एक सूची प्रदान की जाएगी। वे अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार इन कोर्सों में से कोई भी चुन सकते हैं। यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार, दिव्यांग छात्रों को अपनी विकलांगता के आधार पर निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान की जाएंगी: कोर्स

जानिए पीएम विश्वकर्मा योजना

 शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पीएम विश्वकर्मा योजना की सराहना की  केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 'पीएम विश्वकर्मा योजना' कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्व स्तर पर जुड़े परिवार के दृष्टिकोण और कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की जरूरतों को संबोधित करने में उनके सक्रिय रुख की प्रशंसा की।  विश्वकर्मा कारीगरों को समर्थन देने और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई यह योजना इस समुदाय के अनगिनत व्यक्तियों को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करने का वादा करती है।  मंत्री प्रधान ने इस योजना से समुदाय को होने वाले ठोस लाभों पर जोर देते हुए घोषणा की, "आज, 'पीएम विश्वकर्मा योजना' के तहत, लाखों विश्वकर्मा भाइयों और बहनों को कम ब्याज दरों पर 3 लाख रुपये का ऋण मिलेगा।"  यह योजना समावेशी विकास और आर्थिक विकास के वादे को पूरा करते हुए, समाज के हाशिए पर मौजूद वर्गों के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता के साथ सहजता से मेल खाती है।  भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव  पीएम विश्वकर्मा योजना से भारतीय अर्थव्यवस्था पर क

उत्तराखंड में 15 शिक्षकों को विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान से सम्मानित किया गया ।

उत्तराखंड में 15 शिक्षकों को विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान से सम्मानित किया गया।   देहरादून, 16 सितंबर 2023:  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यू-सर्क) द्वारा शिक्षा में प्रौद्योगिकी के सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों के लिए 15 शिक्षकों को सम्मानित किया। इनमें अल्मोड़ा जिले के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला धौलादेवी के सहायक अध्यापक भास्कर जोशी, राजकीय इंटर कॉलेज नाई के श्री रमेश सिंह रावत, और जीआईसी बग्वाली पोखर के प्रवक्ता अजय जोशी शामिल हैं। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा में प्रौद्योगिकी का उपयोग छात्रों को बेहतर तरीके से पढ़ाने और सीखने में मदद करता है। इन शिक्षकों ने शिक्षा में प्रौद्योगिकी का उपयोग करके छात्रों को प्रेरित किया है और उन्हें बेहतर भविष्य के लिए तैयार किया है। इस अवसर पर यूसर्क की निदेशक प्रो. अनिता रावत ने कहा कि यह सम्मान राज्य के उन शिक्षकों को दिया जाता है, जिन्होंने विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि यूसर्क का प्रयास है कि उत्तराखंड में

B.Ed प्रवेश सूचना : गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया शुरू

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया शुरू CLICK HERE FOR REGISTRATION FOR B.Ed DOWNLOAD PROSPECTUS FOR UG COURSE मुख्य बिंदु: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस पाठ्यक्रम में बीए, बीएससी और बीकॉम तीन धाराएं (stream)हैं। प्रत्येक धारा में 50 सीटें हैं। प्रवेश के लिए सीयूईटी और एनसीईटी परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। पंजीकरण प्रक्रिया 25 सितंबर तक चलेगी। पृष्ठभूमि: गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति 2020 के तहत चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। यह पाठ्यक्रम पहली बार 2023-24 शैक्षणिक सत्र से शुरू होगा। पाठ्यक्रम की अवधि: चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम की अवधि चार वर्ष होगी। इस दौरान छात्रों को बीए और बीएड दोनों की डिग्री प्राप्त होगी। पाठ्यक्रम की धाराएं: चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम में तीन धाराएं हैं: बीए बीएड: इस धारा में छात्रों को हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, इतिहास, राजनीति विज्ञान, भूगोल, गृह विज्ञान, गणित और जीव विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई कर