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बदलती शिक्षा प्रणाली, पूर्वोत्तर भारत को मिला पहला AI शिक्षक: आइरिस ने असम में छात्रों को पढाया।

आइरिस, एक ह्यूमनॉइड AI शिक्षक, असम और पूरे पूर्वोत्तर भारत में अपनी तरह का पहला शिक्षक बन गया है। पारंपरिक मेखला चादर में लिपटी आइरिस ने गुवाहाटी के एक निजी स्कूल में छात्रों से बातचीत की और प्रभावशाली गति और विस्तार से उनके सवालों के जवाब दिए। एक स्कूल शिक्षक के अनुसार, छात्र पूरे सत्र के दौरान जिज्ञासु और व्यस्त रहे। पाठ्यक्रम-आधारित और सामान्य ज्ञान दोनों तरह के सवालों के जवाब देने की आइरिस की क्षमता, साथ ही स्पष्टीकरण और संदर्भ प्रदान करने से छात्रों की रुचि बनी रही। हैंडशेक जैसी इंटरैक्टिव सुविधाओं के जुड़ने से सीखने का अनुभव और भी बेहतर हो गया, जिससे यह मज़ेदार और आकर्षक दोनों बन गया। आइरिस छात्रों के सवालों का जवाब देने और स्पष्टीकरण देने के लिए एक वॉयस-नियंत्रित सहायक का उपयोग करता है। इस तकनीक ने छात्रों में उत्साह जगाया है, जो AI शिक्षक के विशाल ज्ञान को आसानी से उपलब्ध पाते हैं। मेकरलैब्स एडु-टेक और नीति आयोग द्वारा अटल टिंकरिंग लैब (ATL) परियोजना के बीच सहयोग के माध्यम से विकसित, आइरिस शिक्षा में AI को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्कूल का मानना ​​है कि इस

प्रवक्ता और सहायक शिक्षक एलटी जिन्हें प्रभारी प्रधानाचार्य/प्रभारी प्रधानाध्यापक का कार्यभार दिया गया है, उन्हें अब आहरण एवं व्ययन अधिकारी (डीडीओ) के पद पर नियुक्त किया जाएगा।

आदेश डाउनलोड करें देहरादून, 3 जून, 2024 - उत्तराखंड के स्कूलों में प्रिंसिपल और हेडमास्टर के रिक्त पदों से उत्पन्न चुनौतियों के मद्देनजर, राज्य सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में वित्तीय संवितरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया है। वित्त विभाग (डब्ल्यू.ई.-एस.एन.) अनुभाग-7 के कार्यालय ज्ञापन संख्या 215212, दिनांक 3 जून, 2024 के अनुसार, सरकार ने उत्तराखंड वित्तीय पुस्तिका भाग-1 (वित्तीय शक्तियों का प्रत्यायोजन), विवरण-8 (विविध वित्तीय शक्तियाँ) के अंतर्गत किसी भी कार्यालय में संवितरण अधिकारी के रूप में लेखा प्रक्रियाओं और वित्तीय नियमों से अच्छी तरह वाकिफ सर्वोच्च राजपत्रित अधिकारी को नियुक्त करने का प्रावधान किया है। राज्य के शिक्षा विभाग में प्रिंसिपल/हेडमास्टर के पदों पर लंबे समय से रिक्तियों के कारण, स्कूलों को वित्तीय संवितरण के निष्पादन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि जिन विद्यालयों में ये पद रिक्त रह गए हैं, वहां स्थायी रूप से नियुक्त शिक्षक ( इस उपाय का उद्देश्य संबंधित विद्यालयों मे

5 जून विश्व पर्यावरण दिवस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करें , और पुरस्कार जीतें ।

प्रिय शिक्षार्थियों ,विश्व पर्यावरण दिवस  संयुक्त राष्ट्र द्वारा दुनिया भर में जागरूकता फैलाने और पर्यावरण में सुधार की दिशा में काम करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। हर साल एक देश को इस कार्यक्रम की मेजबानी करने और सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करने की जिम्मेदारी दी जाती है। विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरणीय मुद्दों को हल करने पर केंद्रित है ताकि भविष्य के लिए स्वस्थ वातावरण और सुरक्षित बनाने के लिए नई योजनाओं को लागू किया जा सके। यह वह दिन है जब कई देशों के लोग हमारे ग्रह की रक्षा के लिए एक साथ आते हैं।5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, हम एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैं। यह प्रतियोगिता पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, वन्य जीवन, और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर केंद्रित होगी। प्रतिभागियों को पर्यावरण संबंधी ज्ञान बढ़ाने और जागरूकता फैलाने का मौका मिलेगा। विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए  पर पंजीकरण करें। अधिक जानकारी के लिए हमसे संपर्क करें। आइए, इस पर्यावरण दिवस पर

तिलाड़ी नरसंहार: उत्तराखंड के इतिहास पर एक भयावह दाग

  ## तिलाड़ी नरसंहार: उत्तराखंड के इतिहास पर एक भयावह दाग कांड  का दिन: 30 मई, 1930 30 मई उत्तराखंड के इतिहास में एक गमगीन दिन है। 1930 में इसी दिन तिलाड़ी नरसंहार के नाम से जानी जाने वाली एक भयावह घटना घटी, जिसने इस क्षेत्र की सामूहिक स्मृति पर एक स्थायी निशान छोड़ दिया। तत्कालीन टिहरी गढ़वाल रियासत के राजा नरेंद्र शाह ने निहत्थे नागरिकों पर क्रूर दमन की साजिश रची, जिसने इस घटना को उत्तराखंड के न्याय के संघर्ष में हमेशा के लिए एक काले अध्याय के रूप में दर्ज कर दिया। आग को हवा देना: वन अधिकारों की मांग प्राकृतिक संसाधनों पर अपने अधिकारों की बहाली की चाहत से प्रेरित सैकड़ों आम नागरिक यमुना नदी के किनारे बसे एक विशाल मैदान तिलाड़ी मैदान में एकत्र हुए। उनका एकमात्र उद्देश्य राजा नरेंद्र शाह से क्षेत्र के जंगलों पर अपना नियंत्रण वापस पाने के लिए याचिका दायर करना था। हालांकि, उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन को अकल्पनीय क्रूरता का सामना करना पड़ा। यमुना के तट पर खूनी संघर्ष अत्याचार के एक चौंकाने वाले प्रदर्शन में, राजा शाह ने अपनी सैन्य टुकड़ी को बेखबर भीड़ पर गोलियों की बौछार करने का आदेश दिया। उ

शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार (उच्च शिक्षा) 2024: आवेदन शुरू!

  ## शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार (उच्च शिक्षा) 2024: आवेदन अभी शुरू! शिक्षा मंत्रालय प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (उच्च शिक्षा) 2024 के लिए आवेदन आमंत्रित करता है। यह पुरस्कार भावी पीढ़ियों के दिमाग को आकार देने में संकाय सदस्यों के उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है और उनका जश्न मनाता है। कौन आवेदन कर सकता है? * भारत भर के कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों और पॉलिटेक्निक में कार्यरत संकाय सदस्य (नियमित)। * स्नातक और/या स्नातकोत्तर स्तर पर कम से कम पाँच साल का पूर्णकालिक शिक्षण अनुभव। * आयु सीमा: आवेदन की अंतिम तिथि (20 जून, 2024) तक 55 वर्ष से कम होनी चाहिए। * बहिष्करण: कुलपति, निदेशक और प्रिंसिपल (नियमित या स्थानापन्न) पात्र नहीं हैं। चयन मानदंड विस्तृत चयन मानदंड आधिकारिक वेबसाइट  पर उपलब्ध हैं। हालाँकि, यह पुरस्कार आम तौर पर निम्नलिखित क्षेत्रों में उत्कृष्टता को मान्यता देता है: * अभिनव शिक्षण विधियाँ जो आकर्षक और प्रभावी शिक्षण को बढ़ावा देती हैं। * छात्र की सफलता और विकास के लिए प्रतिबद्धता। * अनुसंधान और विद्वत्तापूर्ण कार्य में योगदान। * संस्थान और समु

उत्तराखंड के समस्त राजकीय विद्यालय 25 मई को बैग लेस डे मनाएंगे। आदेश जारी

आदेश पत्र डाउनलोड करें  ## उत्तराखंड के स्कूल 25 मई को बैग लेस डे मनाएंगे उत्तराखंड के राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने 25 मई, 2024 को "बैग लेस डे" मनाने के संबंध में राज्य के सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों (CEO) को निर्देश जारी किया है। मुख्य बिंदु: बैग लेस डे: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सिफारिशों के अनुसार, शैक्षणिक सत्र 2024-25 से शुरू होने वाले उत्तराखंड के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में हर महीने के आखिरी शनिवार को "बैग लेस डे" के रूप में मनाया जाएगा। 25 मई का पालन: यह निर्देश वर्तमान शैक्षणिक सत्र के पहले बैग लेस डे से संबंधित है, जो मई के आखिरी शनिवार (25 मई, 2024) को पड़ता है। गतिविधियाँ: एससीईआरटी ने 24 अप्रैल, 2024 के पिछले पत्र (पत्र संख्या- एससीईआरटी/एनईपी/बैग लेस डेज/222-230/2024-25) के माध्यम से बैग लेस डे के दौरान आयोजित की जाने वाली गतिविधियों के लिए पहले ही विस्तृत सुझाव दिए हैं। रिपोर्टिंग: स्कूलों को बैग लेस डे गतिविधियों की फोटो और वीडियो के साथ रिपोर्ट संकलित करके सॉफ्ट कॉपी में जिला कार्यालय को जमा करना आवश्यक है।

राजकीय प्राथमिक विद्यालय मटीलाधूरा विकासखंड ताड़ीखेत जिला अल्मोड़ा में मातृ दिवस समारोह ,बाल रचनात्मकता मे समूह की भागीदारी।

मातृ दिवस समारोह बाल रचनात्मकता मे समूह की भागीदारी आज दिनांक 11 मई 2024 को राजकीय प्राथमिक विद्यालय मटीलाधूरा विकासखंड ताड़ीखेत जिला अल्मोड़ा में मदर्स डे का समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया मदर डे के उपलक्ष्य में आयोजित विभिन्न कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों ने शिक्षार्थियों को  जीवन में मां के महत्व को  बताया गया      12 मई को रविवार अवकाश है अतः इस कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को किया। क्योंकि विद्यालय के हर एक कार्यक्रम कहीं ना कहीं बच्चों के अधिगम से संबंधित रहते हैं अतः यह कार्यक्रम भी बहुत महत्वपूर्ण रहा विशेष प्राथना सभा उपरांत बच्चों ने अपनी अपनी माताओं के लिए शुभकामना पत्रों  (greeting cards) का निर्माण किया और माँ पर निबंध प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया बच्चों की माताओं को सम्मानित करते हुए उनके पाल्यो द्वारा उन्हें ग्रीटिंग कार्ड प्रदान किये,मातृ दिवस पर आधारित विशेष दीवार पत्रिका का विमोचन माता अभिभावकों ने किया तदुपरांत माताओं  ने कई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपनी अद्भूत प्रतिभा का प्रर्दशन किया। अपने पाल्यो की शिक्षा दीक्षा में बढ़-चढ़कर प्रतिभा करने वाली माताओं को सैश (

राजकीय प्राथमिक विद्यालय मटीला धूरा विकासखंड ताड़ीखेत में डिजिटल डिवाइड को कम करने के उद्देश्य से कंप्यूटर शिक्षा का शुभारंभ ।

आज राजकीय प्राथमिक विद्यालय मटीला धूरा विकासखंड ताड़ीखेत में डिजिटल डिवाइड को कम करने के उद्देश्य से कंप्यूटर शिक्षा का शुभारंभ विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्री पान सिंह ने फीता काटकर किया , अपने इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी कार्यक्रमों को को आगे बढ़ाते हुए विद्यालय ने कम्प्यूटर शिक्षा नामक संस्थान से करार किया है कंप्यूटर शिक्षा संस्था ने पिछड़े क्षेत्र के बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए विद्यालय को एंडड्रॉइड एलईडी टीवी मैजिक बॉक्स प्रदान किया है।इस मैजिक बॉक्स को विद्यालय में लगा कर न केवल विद्यालय के शिक्षार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान की जाएगी अपितु समुदाय के नवयुवक / युवतियां भी यदि चाहे तो वह कंप्यूटर शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं । कम्प्यूटर शिक्षा के धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि  उनकी संस्था का उद्देश्य भारतवर्ष में डिजिटल डिवाइड को कम करना है इस हेतु वे ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों में मैजिक बॉक्स प्रदान कर रहे हैं। कम्यूटर शिक्षा के संस्थापक डॉ राकेश सूरी व उपाध्यक्ष प्रदीप महरवार ने बताया कि आगामी समय में डिजिटलाइजेशन के कारण बच्चों को कम्प्यूटर शिक्ष